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अभी-अभी
सिर झुकानें का मतलब सिर्फ डरना नहीं सम्मान भी करना होता है।
Sunday, February 14, 2010
तेरे बिना सुबह न देखूँ
तेरे बिना न शाम हो
ऐ माँ रखले आँचल में
वही मेंरा आभिमान हो
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देखते ही देखते ड़्रामा होगया और देखने वालों की कता...
सिर झुकाने का मतलब सिर्फ ड़रना नहीं सम्मान भी करना...
तेरे बिना सुबह न देखूँतेरे बिना न शाम होऐ माँ रखले...
हमनें दुनिया को बहुत करीब से देखा है
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अभी-अभी (रोहित सिंह चौहान)
हर चीज़ को अपने तरीके से पेश करता हूं
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